फौजी ओर मख्खी




🏵️🏵️ बाल गीत🏵️🏵️

🤼‍♂️🤼‍♂️ फौजी और मक्खी🤼‍♂️🤼‍♂️ 

खूब समय मनमौजी आया।
मेरे गांव में फौजी आया।।

बड़ी बड़ी मूंछें थी ऐंठी।
मक्खी एक मूंछ पर बैठी।।

मक्खी ने हैरान किया।
फौजी को परेशान किया।।

जब जब फौजी उसे उड़ाए।
लौट के मक्खी मूंछ पे आए।।

अब फौजी को गुस्सा आया।
गुस्से से बंदूक उठाया।।

मक्खी को सावधान किया।
और बंदूक को तान दिया।।

मक्खी बंदूक को क्या जाने।
फौजी की बात को क्या जाने।।

वो तो अपने मन की मौजी।
वो क्या जाने क्या है फौजी।।

फौजी के सिर पर लगी घूमने।
बैठ नाक पर लगी चूमने।।

अब फौजी को गुस्सा बढ़ गया।
गुस्से का पर ज्यादा चढ़ गया।।

इधर उधर वो भागा ऐसे।
चल गई बंदूक न जाने कैसे।।

गिरकर फौजी बेहोश हुआ।
हम सब बच्चों में जोश हुआ।।

हम सब बच्चे पानी लाए।
छींटे से जिंदगानी लाए।।

हम फौजी के प्यारे बन गए।
वो भी दोस्त हमारे बन गए।

रोज कहानी एक बताते।
हम बच्चों के मन को भाते।।

मक्खी भी अब कभी न  बैठी।
मूंछ आज भी ऐंठी ऐंठी।।

नरसिंह हैरान जौनपुरी मुंबई
7977641797

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9 Comments

madhura

02-Feb-2025 10:04 AM

v nice

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Pallavi

15-Dec-2021 10:30 PM

Nice

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Barsha🖤👑

14-Dec-2021 09:11 PM

Nice

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